खुद के व्यक्तिगत अस्तित्व को आर्थिक सामाजिक तौर पर मजबूत बना
खुद के व्यक्तिगत अस्तित्व को आर्थिक सामाजिक तौर पर मजबूत बनाओ
आज कल दोस्त रिश्ते प्यार ये सब आपको वजूद के मुरीद है,
तो खुद के प्राथमिकता को वक्त दो
ना बोलने को सीखो
जाने देने को सीखो
जो रुके उसका सम्मान करो
जो चला जाए उसको रोको मत
जो नियत से जुड़ा रहेगा वो हर वक्त होगा
जो वक्त, और जरूरत से जुड़ा होगा उसका मियाद पूरा होने पर चला जायेगा