Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2024 · 1 min read

खुद की एक पहचान बनाओ

खुद की एक पहचान बनाओ

कब तक जिओगे औरों के सहारे
आखिर कब तक तुम नाचोगे औरों के इशारे ,
सबकुछ हासिल कर अपने बलबूते पर।

उठ कर तुम्हें आगे बढ़ना होगा,
मंज़िल को अपनी छूना होगा,
होगा यह तभी संभव,
जब तुम अपनी पहचान खुद बनाओगे,
छोड़कर दूसरों का सहारा खुद आगे बढ़ते जाओगे।

होगा हर सपना पूरा,
कोई ख्वाब न रहेगा अधूरा,
बनाओ खुद की पहचान और करो
अपना हर सपना पूरा

1 Like · 125 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
হরির গান
হরির গান
Arghyadeep Chakraborty
सुनो सुनाऊॅ॑ अनसुनी कहानी
सुनो सुनाऊॅ॑ अनसुनी कहानी
VINOD CHAUHAN
ग़ज़ल _ मुहब्बत में बहके , क़दम उठते उठते ,
ग़ज़ल _ मुहब्बत में बहके , क़दम उठते उठते ,
Neelofar Khan
*आयु मानव को खाती (कुंडलिया)*
*आयु मानव को खाती (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ऋतुराज
ऋतुराज
Santosh kumar Miri
अक्सर देखते हैं हम...
अक्सर देखते हैं हम...
Ajit Kumar "Karn"
सम्मान करे नारी
सम्मान करे नारी
Dr fauzia Naseem shad
"ऐ मेरे मालिक"
Dr. Kishan tandon kranti
दवाखाना  से अब कुछ भी नहीं होता मालिक....
दवाखाना से अब कुछ भी नहीं होता मालिक....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
वर्तमान के युवा शिक्षा में उतनी रुचि नहीं ले रहे जितनी वो री
वर्तमान के युवा शिक्षा में उतनी रुचि नहीं ले रहे जितनी वो री
Rj Anand Prajapati
प्रेम के दरिया का पानी चिट्ठियाँ
प्रेम के दरिया का पानी चिट्ठियाँ
Dr Archana Gupta
हरे हैं ज़ख़्म सारे सब्र थोड़ा और कर ले दिल
हरे हैं ज़ख़्म सारे सब्र थोड़ा और कर ले दिल
Meenakshi Masoom
🥀*गुरु चरणों की धूल* 🥀
🥀*गुरु चरणों की धूल* 🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
देश हमारा भारत प्यारा
देश हमारा भारत प्यारा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
Phool gufran
4652.*पूर्णिका*
4652.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Dr arun kumar shastri
Dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
विकल्प
विकल्प
Dr.Priya Soni Khare
जिंदगी....एक सोच
जिंदगी....एक सोच
Neeraj Agarwal
Love Letter
Love Letter
Vedha Singh
लिखना चाहता हूं...
लिखना चाहता हूं...
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
उन बादलों पर पांव पसार रहे हैं नन्हे से क़दम,
उन बादलों पर पांव पसार रहे हैं नन्हे से क़दम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मदांध सत्ता को तब आती है समझ, जब विवेकी जनता देती है सबक़। मि
मदांध सत्ता को तब आती है समझ, जब विवेकी जनता देती है सबक़। मि
*प्रणय*
Disagreement
Disagreement
AJAY AMITABH SUMAN
वो मेरी ज़िंदगी से कुछ ऐसे ग़ुजर गया
वो मेरी ज़िंदगी से कुछ ऐसे ग़ुजर गया
Anis Shah
नवरात्रि में ध्यान का महत्व। - रविकेश झा
नवरात्रि में ध्यान का महत्व। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
श्रद्धांजलि
श्रद्धांजलि
नेताम आर सी
मैं नहीं जानती
मैं नहीं जानती
भगवती पारीक 'मनु'
തിരക്ക്
തിരക്ക്
Heera S
डॉक्टर
डॉक्टर
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
Loading...