खुदगर्ज
खुदगर्ज वो इतना नेकी को यार, इस्तेमाल को प्यार कहते , हमसफर बस वो इतना था।
-डॉ. सीमा कुमारी.-29-12-024की स्वरचित रचना है मेरी जिसे आज प्रकाशित कर रही हूं।
खुदगर्ज वो इतना नेकी को यार, इस्तेमाल को प्यार कहते , हमसफर बस वो इतना था।
-डॉ. सीमा कुमारी.-29-12-024की स्वरचित रचना है मेरी जिसे आज प्रकाशित कर रही हूं।