खुदकुशी नहीं तो क्या करें?
जहां न कोई आज़ादी है
जहां न कोई बराबरी
एक ऐसे देश में कोई
खुदकुशी नहीं तो क्या करे?
बगावत! इंकलाब!
मुजाहिरा! एहतिजाज!!
(१)
जहां न कोई ज़िंदगी है
जहां न कोई रोशनी
एक ऐसे देश में कोई
खुदकुशी नहीं तो क्या करे?
बगावत! इंकलाब!
मुजाहिरा! एहतिजाज!!
(२)
जहां न कोई इंसाफ़ है
जहां न कोई सच्चाई
एक ऐसे देश में कोई
खुदकुशी नहीं तो क्या करे?
बगावत! इंकलाब!
मुजाहिरा! एहतिजाज!!
(३)
जहां न कोई आशिक़ी है
जहां न कोई मौसिकी
एक ऐसे देश में कोई
खुदकुशी नहीं तो क्या करे?
बगावत! इंकलाब!
मुजाहिरा! एहतिजाज!!
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#FreedomStruggle