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15 May 2024 · 1 min read

खिलो फूल से

खिलों फूल से क्योंकि कभी वे

अपने लिए नही खिलते हैं

फलों वृक्ष से क्योंकि कभी वे

अपने लिए नही फलते है।

प्यासे जग की प्यास बुझाने

बादल जल भर भर लाते हैं।

सीखो उनसे वे कैसे

औरों के हित में मिट जाते हैं।

पर हित के लिए देह

धारण करते हैं सज्जन प्राणी।

वृक्ष स्वयं न कभी फल खाते

नदिया स्वयं न पीती पानी।

जंगल मंगल हित जीने वालों

का मस्तक ऊंचा रहता है।

दीपक की स्वर्णिम लौ का रुख

कभी नहीं नीचे झुकता है।
कार्तिक नितिन शर्मा

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