Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Apr 2019 · 1 min read

खिड़की बंद पड़ी है कब से

खिड़की बंद पड़ी है कब से
वीरान सा ये बंगला में,घनघोर अंधेरा छाया।
खिड़की बंद पड़ी है कब से……
एक दिन इस कोठरी में,था उजाला का साया।
खेलते कूदते नन्हे मुन्ने,था मुस्कान की काया।
हर उत्त्सव में यह बंगला,रोशनी सा जगमगाता।
बड़े बड़े अफसर साहब,पार्टी मनाने आता।
लेकिन अभी खिड़की बंद पड़ी है कब से……..
खोल दो दरवाजा,खोल दो खिड़की।
आने दो हवाओं की सर सर सरकी।
बहुत दिनों बाद आया, सूरज की रोशनी।
सज गया बंगला अब,लोगो की हुई आना जानी।
_________________________________________
रचनाकार कवि डीजेन्द्र क़ुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभवना, बिलाईगढ़, बलौदाबाजार (छ. ग.)
‌8120587822

Language: Hindi
1 Like · 213 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"सुनहरा दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
2708.*पूर्णिका*
2708.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"अमर रहे गणतंत्र" (26 जनवरी 2024 पर विशेष)
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
तुम्हारा दूर जाना भी
तुम्हारा दूर जाना भी
Dr fauzia Naseem shad
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
Anil Mishra Prahari
साड़ी हर नारी की शोभा
साड़ी हर नारी की शोभा
ओनिका सेतिया 'अनु '
ना छीनो जिंदगी से जिंदगी को
ना छीनो जिंदगी से जिंदगी को
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
नदी की तीव्र धारा है चले आओ चले आओ।
नदी की तीव्र धारा है चले आओ चले आओ।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
गुमनाम रहने दो मुझे।
गुमनाम रहने दो मुझे।
Satish Srijan
गुरु पूर्णिमा आ वर्तमान विद्यालय निरीक्षण आदेश।
गुरु पूर्णिमा आ वर्तमान विद्यालय निरीक्षण आदेश।
Acharya Rama Nand Mandal
कुछ तो अच्छा छोड़ कर जाओ आप
कुछ तो अच्छा छोड़ कर जाओ आप
Shyam Pandey
*ये सावन जब से आया है, तुम्हें क्या हो गया बादल (मुक्तक)*
*ये सावन जब से आया है, तुम्हें क्या हो गया बादल (मुक्तक)*
Ravi Prakash
लोकसभा बसंती चोला,
लोकसभा बसंती चोला,
SPK Sachin Lodhi
पहला प्यार नहीं बदला...!!
पहला प्यार नहीं बदला...!!
Ravi Betulwala
कभी किसी की मदद कर के देखना
कभी किसी की मदद कर के देखना
shabina. Naaz
विष बो रहे समाज में सरेआम
विष बो रहे समाज में सरेआम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
My City
My City
Aman Kumar Holy
शब्दों की अहमियत को कम मत आंकिये साहिब....
शब्दों की अहमियत को कम मत आंकिये साहिब....
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
महंगाई
महंगाई
Surinder blackpen
कहा हों मोहन, तुम दिखते नहीं हों !
कहा हों मोहन, तुम दिखते नहीं हों !
The_dk_poetry
** फितरत **
** फितरत **
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
समय और स्वास्थ्य के असली महत्त्व को हम तब समझते हैं जब उसका
समय और स्वास्थ्य के असली महत्त्व को हम तब समझते हैं जब उसका
Paras Nath Jha
💐प्रेम कौतुक-254💐
💐प्रेम कौतुक-254💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
इस संसार में क्या शुभ है और क्या अशुभ है
इस संसार में क्या शुभ है और क्या अशुभ है
शेखर सिंह
मत हवा दो आग को घर तुम्हारा भी जलाएगी
मत हवा दो आग को घर तुम्हारा भी जलाएगी
Er. Sanjay Shrivastava
शिखर के शीर्ष पर
शिखर के शीर्ष पर
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
सन्तानों  ने  दर्द   के , लगा   दिए    पैबंद ।
सन्तानों ने दर्द के , लगा दिए पैबंद ।
sushil sarna
मैया तेरा लाडला ये हमको सताता है
मैया तेरा लाडला ये हमको सताता है
कृष्णकांत गुर्जर
■ कारण कुछ भी हो। भूल सुधार स्वागत योग्य।।
■ कारण कुछ भी हो। भूल सुधार स्वागत योग्य।।
*Author प्रणय प्रभात*
आराधना
आराधना
Kanchan Khanna
Loading...