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13 Sep 2022 · 1 min read

खामोश रातों की

ख़ामोश रातों की
तन्हाई देखी ।
तन्हा बहुत खुद की
परछाई देखी ।।
शिकायत लबों पर
आ न सकी फिर ।
मोहब्बत की होती
रुसवाई देखी ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
9 Likes · 140 Views
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