Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2023 · 1 min read

खामोशी…

खामोशी एक ऐसी दुनिया है,
जहाँ शब्दों की कोई भाषा नहीं है।
जहाँ हर व्यक्ति अपने अंदर छिपा हुआ है,
और उसे बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है।

खामोशी एक अलग ही समझ है,
जिसमें कोई शोर-शराबा नहीं है।
जहाँ सब कुछ सुनाई देता है,
लेकिन कुछ समझ में नहीं आता है।

खामोशी एक स्थिरता है,
जिसमें कोई हलचल नहीं होती है।
जहाँ समय का कोई महत्व नहीं होता है,
लेकिन समय का सबसे बड़ा मालिक होता है।

खामोशी एक साथी है,
जिसके साथ हम हमेशा चलते है।
जहाँ कोई भी नहीं होता है,
लेकिन खुद को हमेशा अकेला महसूस करते है।

खामोशी एक ऐसी दुनिया है,
जिसे समझना आसान नहीं है।
लेकिन जो इसे समझता है,
वह खुद को समझने के करीब पहुंचता है।

Vishal..✍️✍️

Language: Hindi
1 Like · 88 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुझे भूलना इतना आसां नही है
तुझे भूलना इतना आसां नही है
Bhupendra Rawat
आदमी हैं जी
आदमी हैं जी
Neeraj Agarwal
🙅अजब-ग़ज़ब🙅
🙅अजब-ग़ज़ब🙅
*प्रणय प्रभात*
मांगने से रोशनी मिलेगी ना कभी
मांगने से रोशनी मिलेगी ना कभी
Slok maurya "umang"
अव्यक्त प्रेम (कविता)
अव्यक्त प्रेम (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
और कितना मुझे ज़िंदगी
और कितना मुझे ज़िंदगी
Shweta Soni
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
Ranjeet kumar patre
जिस नई सुबह ने
जिस नई सुबह ने
PRADYUMNA AROTHIYA
"परीक्षा के भूत "
Yogendra Chaturwedi
"दिल में दिमाग"
Dr. Kishan tandon kranti
आँखें
आँखें
लक्ष्मी सिंह
कब मरा रावण
कब मरा रावण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
खुले आम जो देश को लूटते हैं।
खुले आम जो देश को लूटते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
2532.पूर्णिका
2532.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
खिलेंगे फूल राहों में
खिलेंगे फूल राहों में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आदर्श
आदर्श
Bodhisatva kastooriya
बिछ गई चौसर चौबीस की,सज गई मैदान-ए-जंग
बिछ गई चौसर चौबीस की,सज गई मैदान-ए-जंग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"तुम्हारे शिकवों का अंत चाहता हूँ
गुमनाम 'बाबा'
प्रेम और आदर
प्रेम और आदर
ओंकार मिश्र
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सफ़र में लाख़ मुश्किल हो मगर रोया नहीं करते
सफ़र में लाख़ मुश्किल हो मगर रोया नहीं करते
Johnny Ahmed 'क़ैस'
आहुति  चुनाव यज्ञ में,  आओ आएं डाल
आहुति चुनाव यज्ञ में, आओ आएं डाल
Dr Archana Gupta
पहले दिन स्कूल (बाल कविता)
पहले दिन स्कूल (बाल कविता)
Ravi Prakash
यादों की किताब बंद करना कठिन है;
यादों की किताब बंद करना कठिन है;
Dr. Upasana Pandey
देख कर
देख कर
Santosh Shrivastava
जीवन का सफर
जीवन का सफर
Sidhartha Mishra
युवा कवि नरेन्द्र वाल्मीकि की समाज को प्रेरित करने वाली कविता
युवा कवि नरेन्द्र वाल्मीकि की समाज को प्रेरित करने वाली कविता
Dr. Narendra Valmiki
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
होंठ को छू लेता है सबसे पहले कुल्हड़
होंठ को छू लेता है सबसे पहले कुल्हड़
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
कवि रमेशराज
Loading...