खामोशी…
खामोशी एक ऐसी दुनिया है,
जहाँ शब्दों की कोई भाषा नहीं है।
जहाँ हर व्यक्ति अपने अंदर छिपा हुआ है,
और उसे बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है।
खामोशी एक अलग ही समझ है,
जिसमें कोई शोर-शराबा नहीं है।
जहाँ सब कुछ सुनाई देता है,
लेकिन कुछ समझ में नहीं आता है।
खामोशी एक स्थिरता है,
जिसमें कोई हलचल नहीं होती है।
जहाँ समय का कोई महत्व नहीं होता है,
लेकिन समय का सबसे बड़ा मालिक होता है।
खामोशी एक साथी है,
जिसके साथ हम हमेशा चलते है।
जहाँ कोई भी नहीं होता है,
लेकिन खुद को हमेशा अकेला महसूस करते है।
खामोशी एक ऐसी दुनिया है,
जिसे समझना आसान नहीं है।
लेकिन जो इसे समझता है,
वह खुद को समझने के करीब पहुंचता है।
Vishal..✍️✍️