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21 Sep 2024 · 1 min read

खामोशी इबादत है ,सब्र है, आस है ,

खामोशी इबादत है ,सब्र है, आस है ,
दिल से दिल को जोड़े वो एहसास है..
मत छेड़ना किसी खामोश को कभी ,
यह आने वाले तूफानो का फ़रमान है..
✍️नील रूहानी

2 Likes · 66 Views
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