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1 Mar 2022 · 1 min read

*खाने लगा है आदमी (गीत)*

खाने लगा है आदमी (गीत)
————————————————
आदमी को मारकर खाने लगा है आदमी
( 1 )
नाम पूछा और पैने दाँत फिर गड़ने लगे
चाकुओं के वार सारी देह पर पड़ने लगे
भेड़ियों का झुंड बन आने लगा है आदमी
आदमी को मारकर खाने लगा है आदमी
( 2 )
नेमप्लेटें देखकर अपने – पराए हो गए
धर्मरक्षक हाथ में चाकू उठाए हो गए
चाल में खूँखारपन लाने लगा है आदमी
आदमी को मारकर खाने लगा है आदमी
————————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 97 61 5451

Language: Hindi
Tag: गीत
318 Views
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