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1 Oct 2021 · 1 min read

खाकी से डर है

चाटुकारिता के दौर में ,अब बेबाकी से डर है।
शराब से ज्यादा अब ,हर एक साकी से डर है।
जांच के नाम पर कब कत्ल हो जाये किसे पता,
ख़ाकी अब ख़ाक हो रही है , ख़ाकी से डर है।
-सिद्धार्थ

Language: Hindi
1 Like · 255 Views
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