ख़्वाबों में
मैंने तुमको ख्वाबों में आते – जाते देखा है
दिल ने मुझे बतलाया है तूँ किस्मत की रेखा है
ख्वाब में तुम आती हो ज़ब – ज़ब
चैन कहीं खो जाता है
क्या तुम मुझको बतलाओगी
क्या मुझको हो जाता है
मन मेरा भरता ही नहीं जी भर के तो निरेखा है
मैंने तुमको ख्वाबों में आते – जाते देखा है
दिल ने मुझे बतलाया है तूँ किस्मत की रेखा है
चाहे से भी नजर हटे ना
ऐसी सूरत तेरी है
अल्लढ़ होकर मस्त निगाहें
करतीं तेरी फेरी हैं
देखो झाँक के दिल में जरा उसमें एक झरोखा है
मैंने तुमको ख्वाबों में आते – जाते देखा है
दिल ने मुझे बतलाया है तूँ किस्मत की रेखा है
कौन हो तुम? और नाम है क्या?
जी चाहे तो बतलाना
मैं, मेरा तन- मन – दिल
सब चाहे तेरा हो जाना
मन न करे तो बतला देना किसने तुमको रोका है
मैंने तुमको ख्वाबों में आते – जाते देखा है
दिल ने मुझे बतलाया है तूँ किस्मत की रेखा है
-सिद्धार्थ गोरखपुरी