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12 Oct 2024 · 1 min read

ख़ुद-बख़ुद टूट गया वक़्त के आगे बेबस।

ख़ुद-बख़ुद टूट गया वक़्त के आगे बेबस।
एक रिश्ता जो मुहब्बत से तराशा था कभी।।

👏प्रणय प्रभात👏

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