Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 1 min read

ख़ुद को हमारी नज़रों में तलाशते हैं,

ख़ुद को हमारी नज़रों में तलाशते हैं,
वो जिन्हें आईने से गैरत है।

🍂🥀

145 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मौहब्बत क्या है? क्या किसी को पाने की चाहत, या फिर पाकर उसे
मौहब्बत क्या है? क्या किसी को पाने की चाहत, या फिर पाकर उसे
पूर्वार्थ
स्वयं के स्वभाव को स्वीकार और रूपांतरण कैसे करें। रविकेश झा।
स्वयं के स्वभाव को स्वीकार और रूपांतरण कैसे करें। रविकेश झा।
Ravikesh Jha
शायर की मोहब्बत
शायर की मोहब्बत
Madhuyanka Raj
आज एक अरसे बाद मेने किया हौसला है,
आज एक अरसे बाद मेने किया हौसला है,
Raazzz Kumar (Reyansh)
होते फलित यदि शाप प्यारे
होते फलित यदि शाप प्यारे
Suryakant Dwivedi
मालपुआ
मालपुआ
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
नैनों की मधुरशाला में खो गया मैं,
नैनों की मधुरशाला में खो गया मैं,
Shambhavi Johri
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
ये जो फेसबुक पर अपनी तस्वीरें डालते हैं।
ये जो फेसबुक पर अपनी तस्वीरें डालते हैं।
Manoj Mahato
याद रखना
याद रखना
Pankaj Kushwaha
" उज़्र " ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
गमों को हटा चल खुशियां मनाते हैं
गमों को हटा चल खुशियां मनाते हैं
Keshav kishor Kumar
शिक्षक उस मोम की तरह होता है जो स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश
शिक्षक उस मोम की तरह होता है जो स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश
Ranjeet kumar patre
"गलतफहमियाँ"
जगदीश शर्मा सहज
जाना ही होगा 🙏🙏
जाना ही होगा 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Dr. Arun Kumar Shastri – Ek Abodh Balak – Arun Atript
Dr. Arun Kumar Shastri – Ek Abodh Balak – Arun Atript
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गम एक जहर है ,फिर भी पिए जाती हूँ ।
गम एक जहर है ,फिर भी पिए जाती हूँ ।
TAMANNA BILASPURI
दिल में दर्द है हल्का हल्का सा ही सही।
दिल में दर्द है हल्का हल्का सा ही सही।
Ashwini sharma
स्वागत बा श्री मान
स्वागत बा श्री मान
आकाश महेशपुरी
बाढ़
बाढ़
Dr.Pratibha Prakash
" तय कर लो "
Dr. Kishan tandon kranti
कभी बारिशों में
कभी बारिशों में
Dr fauzia Naseem shad
प्रेम भरे कभी खत लिखते थे
प्रेम भरे कभी खत लिखते थे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
🌳 *पेड़* 🌳
🌳 *पेड़* 🌳
Dhirendra Singh
सबकी सलाह है यही मुॅंह बंद रखो तुम।
सबकी सलाह है यही मुॅंह बंद रखो तुम।
सत्य कुमार प्रेमी
2935.*पूर्णिका*
2935.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जय हो माई।
जय हो माई।
Rj Anand Prajapati
दशकंधर
दशकंधर
*प्रणय*
सलीका शब्दों में नहीं
सलीका शब्दों में नहीं
उमेश बैरवा
*मंजिल मिलेगी तुम अगर, अविराम चलना ठान लो 【मुक्तक】*
*मंजिल मिलेगी तुम अगर, अविराम चलना ठान लो 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
Loading...