ख़फ़ा नज़र जब होती है
दिल अज़ीज़ किसी अनीस की
ख़फ़ा नज़र जब होती है
फिर ख़लवत में तन्हा तन्हा
गुज़र बसर बस होती है ।
अशोक सोनी
भिलाई ।
दिल अज़ीज़ किसी अनीस की
ख़फ़ा नज़र जब होती है
फिर ख़लवत में तन्हा तन्हा
गुज़र बसर बस होती है ।
अशोक सोनी
भिलाई ।