Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Dec 2022 · 2 min read

खबर हादसे की

खबर का मुख्य उद्देश्य समाज में विश्वास , आस्था और भाईचारे की नींव को मजबूत करना होता है ना रोष , नफरत और दहशत की अग्नि को फैलाना । परंतु क्या वर्तमान समय में पत्रकारिता के संदर्भ यही बात कही जा सकती है ? यदि कोई हादसा , घटना या दुर्घटना समाज के बड़े तबके में सनसनी पैदा करने में सक्षम नहीं है तब भी क्या वो आजकल अखबार में छप जाने के काबिल हो सकती है? पत्रकारिता का ध्येय येन केन प्रकारेण स्वयं के उत्थान के लिए चटपटी खबरें बनाना और फैलाना नहीं अपितु राष्ट्र के हित में कटु सत्य को सामने लाना है होता है जो कि वर्तमान समय में लगभग लुप्तप्राय हीं है। नकारात्मक पत्रकारिता पर व्ययंगात्मक रूप से चोट पहुंचाती हुई प्रस्तुत है मेरी कविता “खबर हादसे की”।

ना माथे पर शिकन कोई,
ना रूह में कोई भय है,
ना दहशत हीं फैली ,
ना हिंसा परलय है
हादसा हुआ तो है,
लहू भी बहा मगर,
खबर भी बन जाए,
अभी ना तय है,
माहौल भी नरम है,
अफवाह ना गरम है,
आवाम में अमन है,
कोई रोष ना भरम है,
बिखरा नहीं चमन है ,
अभी आंख तो नरम है
थोड़ी बात तो बढ़ जाए,
थोड़ी आग तो लग जाए,
रहने दो खबर बाकी,
रहने दो असर बाकी,
लोहा जो कुछ गरम हो,
असर तभी चरम हो,
ठहरो कि कुछ पतन हो ,
कुछ राख में वतन हो,
अभी खाक क्या मिलेगा,
खबर में कुछ भी दम हो,
अखबार में आ जाए,
अभी ना समय है,
सही ना समय है,
सही ना समय है।

अजय अमिताभ सुमन

Language: Hindi
1 Like · 387 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दिल का हाल
दिल का हाल
पूर्वार्थ
आत्महत्या करके मरने से अच्छा है कुछ प्राप्त करके मरो यदि कुछ
आत्महत्या करके मरने से अच्छा है कुछ प्राप्त करके मरो यदि कुछ
Rj Anand Prajapati
राज़-ए-इश्क़ कहाँ छुपाया जाता है
राज़-ए-इश्क़ कहाँ छुपाया जाता है
शेखर सिंह
ग़ज़ल
ग़ज़ल
दीपक श्रीवास्तव
ज़माना इतना बुरा कभी नहीं था
ज़माना इतना बुरा कभी नहीं था
shabina. Naaz
इश्क की राहों में इक दिन तो गुज़र कर देखिए।
इश्क की राहों में इक दिन तो गुज़र कर देखिए।
सत्य कुमार प्रेमी
जो कायर अपनी गली में दुम हिलाने को राज़ी नहीं, वो खुले मैदान
जो कायर अपनी गली में दुम हिलाने को राज़ी नहीं, वो खुले मैदान
*प्रणय*
3394⚘ *पूर्णिका* ⚘
3394⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
चांद , क्यों गुमसुम सा बैठा है।
चांद , क्यों गुमसुम सा बैठा है।
Radha Bablu mishra
मेरी कलम
मेरी कलम
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
*दीपक सा मन* ( 22 of 25 )
*दीपक सा मन* ( 22 of 25 )
Kshma Urmila
*संतान सप्तमी*
*संतान सप्तमी*
Shashi kala vyas
सोच...….🤔
सोच...….🤔
Vivek Sharma Visha
11, मेरा वजूद
11, मेरा वजूद
Dr .Shweta sood 'Madhu'
"बेड़ियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
मुश्किल है जिंदगी में ख्वाबों का ठहर जाना,
मुश्किल है जिंदगी में ख्वाबों का ठहर जाना,
Phool gufran
यदि आपका चरित्र और कर्म श्रेष्ठ हैं, तो भविष्य आपका गुलाम हो
यदि आपका चरित्र और कर्म श्रेष्ठ हैं, तो भविष्य आपका गुलाम हो
Lokesh Sharma
समुद्र का नजारा सुंदर हैं।
समुद्र का नजारा सुंदर हैं।
Neeraj Agarwal
सम्मान करे नारी
सम्मान करे नारी
Dr fauzia Naseem shad
कालः  परिवर्तनीय:
कालः परिवर्तनीय:
Bhupendra Rawat
बेख़ौफ़ क़लम
बेख़ौफ़ क़लम
Shekhar Chandra Mitra
कुण्डलिया
कुण्डलिया
sushil sarna
आज अचानक आये थे
आज अचानक आये थे
Jitendra kumar
*कर्ज लेकर एक तगड़ा, बैंक से खा जाइए 【हास्य हिंदी गजल/गीतिका
*कर्ज लेकर एक तगड़ा, बैंक से खा जाइए 【हास्य हिंदी गजल/गीतिका
Ravi Prakash
यार नहीं -गजल
यार नहीं -गजल
Dr Mukesh 'Aseemit'
💪         नाम है भगत सिंह
💪 नाम है भगत सिंह
Sunny kumar kabira
*साथ निभाना साथिया*
*साथ निभाना साथिया*
Harminder Kaur
भूल ना था
भूल ना था
भरत कुमार सोलंकी
विवशता
विवशता
आशा शैली
सत्य क्या है ?
सत्य क्या है ?
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
Loading...