Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jul 2021 · 2 min read

खदेरन के माई

तेतरी चच्ची एक रोज ,खदेरन के माई लगे गइल रहलिन।
ये रउरो खदेरन बाबू कहाँ बाटें ,खदेरन के माई से कहलिन।
तुरन्त जवाब दिहलीन खदेरन के माई।
खदेरना के चाहत बा मजिगर दवाई।
कहीं उफ़्फ़र परत होइ ओबाकटवना।
एकदम आवारा हो गइल बा माटीलगना।

ये कठिन शब्द में उ (खदेरन कर माई) फिर कहलिन-
का कहीं ये रउरो ,ई कोरोनवा जबसे आइल बा।
मोहबाइल में पढ़ी पढ़ी के ,ई खदेरना पगलाइल बा।
भूसा और गोबर भरल बा खदेरना के दिमागें में।
आग लग गइल बा हमरे मलिकार के विभागे में।
ऐसे लगल रही त ,एक दिन जरूर उपवास होइ।
अभिन खदेरना के परीक्षा बा ,का जने की पास होइ।
तेतरी चच्ची उत्साह में अइलींन और नयूज सुना दिहलीन।
खदेरन के माई के दिल ,अचानक से दहला दिहलीन।
है रउरो का जानत नईखी राउर खदेरना पास हो गइल।
ई बात अलग बाटे पढ़ाई के, सत्यानाश हो गइल।
ई सुनते खदेरन के माई ,अब हक्का – बक्का हो गइली।
तेतरी के बस देखत रही गइलीं और उचक्का हो गइलीं।
ई कैसे भएल ये रउरो बिना इन्तहाने के पास हो गईल।
ये किरोना में सब सम्भब बा ई हमके विश्वास हो गइल।
खैर हमार लरिकवा खदेरन, बड़ा मेनहत करत रहल।
पढ़त पढ़त सूति जात रहे ,मोहबाइल वैसे जरत रहल।
वैसे उ खूबे ,अच्छे लम्बर से पास हो जात।
मेहनत त कइले रहल जाड़ा, गर्मी,अउ बरसात।
सरकार के यह किरपा से ,अब लखैरे भी टॉपर हो जईहे।
दुइ मिनट में सब बदल जाई ,लइके हेरी पॉटर हो जइहें।
जाए द खदेरन के माई ,मनके अपने शानत करवाव।
खदेरन बाबू पास हो गइले अब जाके मिठाई बटवाव।
-सिद्धार्थ पाण्डेय

Language: Bhojpuri
Tag: गीत
625 Views

You may also like these posts

कर दिया समर्पण सब कुछ तुम्हे प्रिय
कर दिया समर्पण सब कुछ तुम्हे प्रिय
Ram Krishan Rastogi
सत्य जब तक
सत्य जब तक
Shweta Soni
आज खुशी भर जीवन में।
आज खुशी भर जीवन में।
लक्ष्मी सिंह
“चिट्ठी ना कोई संदेश”
“चिट्ठी ना कोई संदेश”
DrLakshman Jha Parimal
चाहत 'तुम्हारा' नाम है, पर तुम्हें पाने की 'तमन्ना' मुझे हो
चाहत 'तुम्हारा' नाम है, पर तुम्हें पाने की 'तमन्ना' मुझे हो
Chaahat
मिटता नहीं है अंतर मरने के बाद भी,
मिटता नहीं है अंतर मरने के बाद भी,
Sanjay ' शून्य'
कबीरा कह गये हो तुम मीठी वाणी
कबीरा कह गये हो तुम मीठी वाणी
Buddha Prakash
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
नारी अस्मिता
नारी अस्मिता
Shyam Sundar Subramanian
दास्तान ए दिल की धड़कन
दास्तान ए दिल की धड़कन
ओनिका सेतिया 'अनु '
यूं फिसले है आदमी, ज्यों मुट्ठी से रेत
यूं फिसले है आदमी, ज्यों मुट्ठी से रेत
RAMESH SHARMA
कभी तो ख्वाब में आ जाओ सूकून बन के....
कभी तो ख्वाब में आ जाओ सूकून बन के....
shabina. Naaz
🙅आज का विज्ञापन🙅
🙅आज का विज्ञापन🙅
*प्रणय*
स्वयं के स्वभाव को स्वीकार और रूपांतरण कैसे करें। रविकेश झा।
स्वयं के स्वभाव को स्वीकार और रूपांतरण कैसे करें। रविकेश झा।
Ravikesh Jha
"फ़िर से तुम्हारी याद आई"
Lohit Tamta
तुम तो दमदार फुलझड़ी
तुम तो दमदार फुलझड़ी
Manoj Shrivastava
राहें तो बेअंत हैं,
राहें तो बेअंत हैं,
sushil sarna
मुक्तक
मुक्तक
जगदीश शर्मा सहज
*वह भाग्यहीन हैं महिलाऍं, पति की चेरी कहलाती हैं (राधेश्यामी
*वह भाग्यहीन हैं महिलाऍं, पति की चेरी कहलाती हैं (राधेश्यामी
Ravi Prakash
दोहा- मीन-मेख
दोहा- मीन-मेख
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मेरे सपनों का भारत
मेरे सपनों का भारत
Neelam Sharma
सत्य कथन
सत्य कथन
Rambali Mishra
कोई तो रोशनी का संदेशा दे,
कोई तो रोशनी का संदेशा दे,
manjula chauhan
साहिल के समंदर दरिया मौज,
साहिल के समंदर दरिया मौज,
Sahil Ahmad
तू रुकना नहीं,तू थकना नहीं,तू हारना नहीं,तू मारना नहीं
तू रुकना नहीं,तू थकना नहीं,तू हारना नहीं,तू मारना नहीं
पूर्वार्थ
"आसां सा लगता"
Dr. Kishan tandon kranti
सांसें
सांसें
निकेश कुमार ठाकुर
दुर्बल तुम केवल मन से हो
दुर्बल तुम केवल मन से हो
Priya Maithil
4779.*पूर्णिका*
4779.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आस्था में शक्ति
आस्था में शक्ति
Sudhir srivastava
Loading...