अनपढ़
आंखें तेरी खुल जायेगी
अनपढ़-गवार कही जायेगी
खत पढवाने की खातिर
मिन्नते करती रह जायेगी
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा
आंखें तेरी खुल जायेगी
अनपढ़-गवार कही जायेगी
खत पढवाने की खातिर
मिन्नते करती रह जायेगी
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा