क्षोभ
आज सनातन क्षोभ लिए उर सोच रहा प्रभु आन पधारो।
ले अवतार कृपालु दयानिधि वक्ष अधिष्ठित रावण मारो।
शूर्पणखा सम भाव भरे मन से जन को प्रभु आप उबारो।
पुण्य विहीन चले पथ जो नर आप अनन्तर पंथ सुधारो।।
✍️ संजीव शुक्ल ‘सचिन’
आज सनातन क्षोभ लिए उर सोच रहा प्रभु आन पधारो।
ले अवतार कृपालु दयानिधि वक्ष अधिष्ठित रावण मारो।
शूर्पणखा सम भाव भरे मन से जन को प्रभु आप उबारो।
पुण्य विहीन चले पथ जो नर आप अनन्तर पंथ सुधारो।।
✍️ संजीव शुक्ल ‘सचिन’