क्षणिकाएं
1.
जब हम , प्रकृति के शुभचिंतक हो जायेंगे
जब हम , धरती माँ के प्रति अपना धर्म निभाएंगे
जब हम , मानवता के रक्षक हो जायेंगे
तब हम, उस परमात्मा को अपने निकट पायेंगे
2.
जब , पुरुष नारी को सबला समझने लगे
जब , पुरुष नारी का आदर करने लगे
जब, नारी में संस्कार झलकने लगें
समझो , संस्कृति का विस्तार होने लगा है