क्रूर घिनौना पाप
दोहा मुक्तक
क्या होगा इससे बड़ा,कहो और अभिशाप।
वृद्धाश्रम में रह रहे, जिनके भी मां बाप ।
नालायक औलाद को,नहीं तनिक ये भान,
करते हैं क्या सोच कर,क्रूर घिनौना पाप।।
रमेश शर्मा.
दोहा मुक्तक
क्या होगा इससे बड़ा,कहो और अभिशाप।
वृद्धाश्रम में रह रहे, जिनके भी मां बाप ।
नालायक औलाद को,नहीं तनिक ये भान,
करते हैं क्या सोच कर,क्रूर घिनौना पाप।।
रमेश शर्मा.