क्रिसमस केक
आर्मीनिया और अज़रबैजान में जंग छिड़ी हुई थी। नोगोरनो- काराभाख क्षेत्र में कब्जा पाने के लिए अज़रबैजान सेना भरसक कोशिश कर रही थी। काफी तादाद में सैनिक और स्थानीय नागरिक हताहत हो रहे थे । इसी बीच क्रिसमस त्यौहार के आने पर अल्प युद्ध विराम घोषित कर दिया गया था। जैकब और उसकी पत्नी मारिया अपने तीन वर्षीय नन्हे से शिशु जॉर्ज के साथ मकान में करीब एक महीने से कैदी का जीवन व्यतीत कर रहे थे। आर्मीनिया सैनिकों द्वारा दिया गया राशन समाप्त होने की कगार पर था। किसी तरह स्थिति में सुधार आने के इंतजार में बैठे हुए थे। जॉर्ज द्वारा क्रिसमस मनाने की जिद करने पर जैकब ने अपने बचे खुचे पैसे लेकर अपनी साइकिल उठाई और पास की बेकरी की दुकान से क्रिसमस केक लाने के लिए चल दिया। उस समय शाम के 7:00 बजे थे बेकरी पहुंचने पर बेकरी बंद हो चुकी थी। युद्ध के कारण बेकरी वाले ने शीघ्र ही दुकान बंद कर दी थी।
तभी वहां गश्त लगाने वाले सैनिकों ने जैकब को बताया थोड़ी दूरी पर गली में एक बेकरी है , वह अभी खुली होगी वहां पर कोशिश कर सकता है।
जैकब ने अपनी साइकिल की रफ्तार बढ़ा वह जल्दी से जल्दी बेकरी बंद होने से पहले वहां पहुंचना चाहता था। रास्ते में उसे कई बार सैनिकों ने रोका और उससे बाहर आने का कारण पूछा।
किसी तरह जैकब ने उन्हें संतुष्ट कर गली में बेकरी पर पहुंचा ईश्वर की कृपा से तब तक बेकरी बंद नहीं हुई थी। उसने पाया कि केवल एक मात्र केक उसके पास बाकी है । अन्य सभी केक बिक चुके हैं , उसके पास उस केक को खरीदने के लिए भी पर्याप्त पैसे भी नहीं थे ,परंतु दुकानदार ने कहा आप केक ले जाइए और जितने भी पैसे हो वो दे जाइए। आपको क्रिसमस की बधाइयां। जैकब ने केक पैक कराके ले लिया। वह जल्द से जल्द घर पहुंचना चाहता था क्योंकि कर्फ्यू में ढीलाई का समय खत्म होने वाला था। चौराहे से गुजरते वक्त उसने सैनिक गाड़ी को देखा जो लाउडस्पीकर पर लोगों को घर के अंदर जाने की घोषणा कर रही थी। वह जल्दी जल्दी साइकिल के पैडल मारने लगा , तभी उसने एक सैनिक की उसे रुकने की चेतावनी देने वाली आवाज सुनी , उसकी आवाज को अनसुना कर वह जल्दी से जल्दी घर पहुंचना चाहता था , जहां उसका बेटा जॉर्ज क्रिसमस केक का इंतजार कर रहा था। तभी एक बार फिर उसे चेतावनी आवाज सुनाई दी फिर भी वह रुका नहीं उसने साइकिल की गति और बढ़ा दी। तभी एक गोली उसके बाएं पैर की पिंडली में आकर लगी और वह लड़खड़ा कर साइकिल से गिरने लगा गिरते-गिरते भी उसमें केक को अपने हाथ में भली-भांति थाम कर रखा था। सैनिकों के पास आने पर उसने उनसे कहा कृपया वे केक को उसके घर पहुंचा दे जहां पर उसका बच्चा जॉर्ज केक का इंतजार कर रहा है , केक न मिलने पर वह निराश एवं दुःखी हो जाएगा। वे उसे जो भी दंड देंगे वह भुगतने को तैयार है। इस पर सैनिक अधिकारी ने उससे कहा कि आप को चेतावनी देने के बाद भी आप नहीं रुके इसलिए हमें गोली चलानी पड़ी।
हम आपकी भावना की कद्र करते हैं। हम आपका केक आपके घर भिजवा रहे हैं। आपकी भी गोली निकाल कर मरहम पट्टी कर आपको घर में छोड़ देंगे। जैकब ने ईश्वर को धन्यवाद दिया कि उसकी की कृपा से उसकी गलती पर उसे कोई सैनिक कार्रवाई न कर छोड़ दिया गया। अब वह अपने बच्चे जॉर्ज एवं पत्नी मारिया के साथ क्रिसमस मना सकेगा। सच ही कहा है जब ईश्वर साथ होता है , तो सब कुछ अच्छा ही होता है।