— क्रमानुसार श्री गणेश जी के नाम
— क्रमानुसार श्री गणेश जी के नाम
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?रचना—-
धुआं उड़ाने से मिला, धूम्रवर्ण है नाम।
विघ्नविनाशन नाम है, विघ्न हरण है काम।।१।।
शूपकर्ण कहते उन्हें, बहुत बड़े दो कान।
बुद्धिनाथ देते सदा, जग को उत्तम ज्ञान।।२।।
शुभगुणकानन देवता, गुण हैं सभी पुनीत।
निधिश्वर धन के दाता, कपिल वसन है पीत।।३।।
भालचंद्र कहते सभी, चन्द्र धारते भाल।
स्वामी गणों के गणपति, जिनका बदन विशाल।।४।।
तप करते स्वीकार है, देवव्रत हर बार।
भुवनपति हे ! उमापुत्र, महिमा अगम अपार।।५।।
बलि करें स्वीकार वहीं, यज्ञकाय सरकार।
विघ्नेश्वर बाधा हरें, जन-जन पर उपकार।।६।।
शुभ मुख जिनका सुमुख प्रभु,श्वेता शुद्ध सफेद।
हस्त गदाधर के गदा, कहते है सब वेद।।७।।
क्षिप्रा से आराधना, योगाधिप से ध्यान।
वरदविनायक से सफल, बुद्धिप्रिय से ज्ञान।।८।।
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#घोषणा
मैं [पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’] यह घोषणा करता हूँ कि मेरे द्वारा प्रेषित रचना मौलिक एवं स्वरचित है।