क्यों सताता है रे अशांत मन,
क्यों सताता है रे अशांत मन,
कितना करूं मैं तेरे लिए मनन,
मत कर तू कभी शांति का हनन,
शांति के लिए करूं सब कुछ मैं वहन।
…. अजित कर्ण ✍️
क्यों सताता है रे अशांत मन,
कितना करूं मैं तेरे लिए मनन,
मत कर तू कभी शांति का हनन,
शांति के लिए करूं सब कुछ मैं वहन।
…. अजित कर्ण ✍️