क्यों मुझको तुमसे इतना प्यार हो गया
क्यों मुझको तुमसे इतना प्यार हो गया।
क्यों तेरा साथ, मेरा ख्वाब हो गया।।
कैसे मैं जी सकूँगा, यार तेरे बिना।
क्यों मेरा यह दिल, तेरा दीवाना हो गया।।
क्यों मुझको तुमसे———————-।।
ऐसी क्या खासियत यार तुझमें है।
ऐसा क्या जादू , तेरी सूरत में है।।
सोच नहीं पाता मैं और के बारे में।
क्यों तेरा यह चेहरा, मेरी जां हो गया।।
क्यों मुझको तुमसे—————-।।
क्यों खुशी मिलती है, यार तुमसे ही।
क्यों इनायत है मुझको सिर्फ तुमसे ही।।
ऐसी क्या खुशबू है, यार तेरी हंसी में।
क्यों तेरी जुल्फों में, कैद मैं हो गया।।
क्यों मुझको तुमसे—————-।।
मुझसे यार तू कभी, नाराज होना नहीं।
रूठकर मुझसे तू यार, दूर जाना नहीं।।
तू ही है मेरा चमन, तू ही मेरी मंजिल है।
क्यों मुझको वास्ता, तुमसे इतना हो गया।।
क्यों मुझको तुमसे——————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)