क्यों बेवजहां तेरी तारीफ करें
क्यों बेवजहां तेरी तारीफ करें।
क्यों बेवजहां तेरी खिदमत करें।।
जब हमसे मोहब्बत तुमको नहीं।
जब हमसे वफ़ा तुम कुछ भी नहीं।।
क्यों तुमसे हम फिर मोहब्बत करें।।
क्यों बेवजहां तेरी——————-।।
कभी प्यार से हमको देखा नहीं।
स्वागत हमारा किया नहीं।।
जब मांगा हमने पीने को पानी।
पीने को पानी तुमने दिया नहीं।।
तो फिर हम क्यों बेवजहां, तेरा आदर करें।
क्यों बेवजहां तेरी————–।।
माना था जबकि हमने तो।
तुमको अपना ही दिल यहाँ।।
बदले में हम पर शक करके।
बदनाम हमें तुमने किया यहाँ।।
तो फिर क्यों तुमपे, कुर्बान हम खुद को करें।
क्यों बेवजहां तेरी——————-।।
देकर हमको धोखा तुमने।
यकीन किया है औरों पर।।
भूल नहीं सकोगे हमको।
चाहे रहो तुम कहीं पर।।
क्यों तुमको हम याद करें।
क्यों हम यकीं तेरा करें।।
क्यों बेवजहां तेरी————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)