क्यों न आग लगा दी जाए
क्या ख़ास-क्या आम में!
एक वहशी हर इंसान में!!
जिसके आते ही बाहर
देश बदले बियाबान में!!
इश्क़ करना भी जिसमें
एक संगीन गुनाह ठहरे!
क्यों न आग लगा दें हम
उस सड़ते हुए निज़ाम में!!
Shekhar Chandra Mitra
#freedomofspeech
#RomanticRebel