क्यों नहीं देती हो तुम, साफ जवाब मुझको
क्यों नहीं देती हो तुम, साफ जवाब मुझको।
क्यों बताती नहीं हो तुम, अपनी इच्छा मुझको।।
क्यों नहीं देती हो तुम————————–।।
मुझसे ऐसे तुम इंतजार, क्यों कराती हो अक्सर।
आती नहीं हो क्यों तुम, वक़्त पर मिलने मुझको।।
क्यों नहीं देती हो तुम—————————।।
की है तुम्हारी मदद मैंने, जब भी मुझसे कहा तुमने।
दिखाती नहीं हो क्यों तुम, दिल की मोहब्बत मुझको।।
क्यों नहीं देती हो तुम —————————।।
करीब होकरकै भी तुम, रहती हो करके किनारा।
डरती हो मुझसे क्यों तुम, करीब बुलाने में मुझको।।
क्यों नहीं देती हो तुम —————————-।।
अगर नहीं हो पसंद तुमको, जोड़ना मुझसे रिश्ता।
रहती हो क्यों खामोश तुम, यह सच बताओ मुझको।।
क्यों नहीं देती हो तुम—————————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)