क्यों दिल पे बोझ उठाकर चलते हो
क्यों दिल पे बोझ उठाकर चलते हो
क्यों नहीं आप गुनगुनाकर चलते हो
ये जिंदगी की राह कठिन तो हैं बेशक
क्यों नहीं हौंसला जगाकर चलते हो
क्यों दिल पे बोझ उठाकर चलते हो
क्यों नहीं आप गुनगुनाकर चलते हो
ये जिंदगी की राह कठिन तो हैं बेशक
क्यों नहीं हौंसला जगाकर चलते हो