क्यों तेरी तसवीर को दिल में सजाया हमने
तेरी यादों का प्याला छलकाया कई बार हमने,
ये अश्कों का सागर बहाया कई बार हमने।
अपनी खिड़की पर तेरे दीदार की हसरत लिए खड़े थे कब से,
मगर तुम न आए तो खुद को बहुत तन्हा पाया कई बार हमने।
रोशनी हुई कम और अंधेरा बढ़ने लगा जब,
इस दिल को ही जलाया कई बार हमने।
तेरा ही नाम है मेरी हर धड़कन पर हरदम,
पर दुनियावालों से इसे छुपाया कई बार हमने।
तेरे बिना जीना इतना दुश्वार हो जायेगा ये तो सोचा न था,
क्यों तेरी तसवीर को दिल में सजाया कई बार हमने।