क्यों जिंदगी अब काली रात है
क्यों जिंदगी अब काली रात है
क्यों सुबह लाती अँधेरा साथ है
आबाद होते होंगे कुछ लोग कहीं
क्यों मेरे नसीब में खाली हाथ है
चित्रा बिष्ट
क्यों जिंदगी अब काली रात है
क्यों सुबह लाती अँधेरा साथ है
आबाद होते होंगे कुछ लोग कहीं
क्यों मेरे नसीब में खाली हाथ है
चित्रा बिष्ट