क्यों और कैसे हुई विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत। क्या है 2023 का थीम ?
मनुष्य के जीवन की सुरक्षा के लिए पर्यावरण की सुरक्षित रहने की जरूरत है मनुष्य और पर्यावरण के बीच गहरा संबंध है जैसे कि हम सब जानते हैं पेड़ हमें ऑक्सीजन (O2) देता है और हम उसके बदले कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) देते हैं ।
प्रकृति के बिना जीवन संभव नहीं है लेकिन मनुष्य अपनी तरक्की के लिए प्रकृति के चीजों को नुकसान पहुंचा रहा है जंगलों को काट कर कोयला निकाल रहा है पेड़ों को काटकर घर, कंपनी, बड़ी-बड़ी इमारतें बना रहा है इस तरह से प्रकृति के चीजों को नुकसान पहुंचा कर पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है
अच्छी व स्वस्थ जीवन जिने के लिए प्रकृति की सुरक्षा और पर्यावरण की संरचना जरूरी है यही कारण है कि हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है ताकि पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके और लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूकता के साथ-साथ प्रोत्साहित किया जा सके।
आइए जानते हैं कि कैसे, क्यों और कब से पर्यावरण दिवस मनाया जाता है ।
विश्वा पर्यावरण दिवस हर साल भारत समेत पूरे विश्व भर में मनाया जाता है इस मौके पर हर देश अपने कल्चर के हिसाब से अलग-अलग तरीके से विश्व पर्यावरण दिवस मनाती है और अपने-अपने देश के जनता के बीच पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य करती है ।
पर्यावरण दिवस की इतिहास ?
अगर हम पर्यावरण दिवस की इतिहास की बात करें तो इसकी शुरुआत सन् 1972 में हुई थी संयुक्त राष्ट्र संघ ने 5 जून 1972 को पहला पर्यावरण दिवस मनाया तब से हर साल इस दिन को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है
सबसे पहले किस देश ने पर्यावरण दिवस मनाया था ?
पर्यावरण दिवस सबसे पहले स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में मनाया गया 1972 में स्टॉकहोम में पहली बार पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया था जिसमें विश्वभर से 119 देश इस कार्यक्रम में शामिल हुआ था और तब से ही विश्व प्रबंध दिवस मनाया जाता है
2023 में पर्यावरण दिवस की थीम क्या है ?
विश्व पर्यावरण दिवस के लिए प्रतिवर्ष एक खास थीम होती है। विश्व पर्यावरण दिवस 2023 की थीम “Solutions to Plastic Pollution” है | यह थीम प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान पर आधारित है।
मैं शकिल आलम
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग का छात्र (MANUU)