क्युं नहीं
क्युं नहीं
दिल मेरी अब सुनता क्युं नहीं,
दिल लगाने की खता माफी के काबिल क्युं नहीं।
रोना, रुलाना ही बस अब बचा है, सजा,
अन्जाम-ए-इश्क सुखद क्युं नहीं ।।
सीमा टेलर ‘तू है ना’ (छिम़पीयान लम्बोर)
क्युं नहीं
दिल मेरी अब सुनता क्युं नहीं,
दिल लगाने की खता माफी के काबिल क्युं नहीं।
रोना, रुलाना ही बस अब बचा है, सजा,
अन्जाम-ए-इश्क सुखद क्युं नहीं ।।
सीमा टेलर ‘तू है ना’ (छिम़पीयान लम्बोर)