क्या हुआ इंसान को?
हाय, क्या हुआ इंसान को?
हाय, क्या हुआ इंसान को?
सदियों से इसकी
कोशिश रही कि
जिसमें अब तक
यह रहता आया
फूंक दे उसी ज़हान को!
हाय, क्या हुआ इंसान को?
Shekhar Chandra Mitra
#AntiWarPoetry
#SaveAfganistan
हाय, क्या हुआ इंसान को?
हाय, क्या हुआ इंसान को?
सदियों से इसकी
कोशिश रही कि
जिसमें अब तक
यह रहता आया
फूंक दे उसी ज़हान को!
हाय, क्या हुआ इंसान को?
Shekhar Chandra Mitra
#AntiWarPoetry
#SaveAfganistan