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16 Dec 2020 · 1 min read

क्या ही रोते हम

क्या ही रोते हम, हमारे शहर में बचा न था कोई हंसाने वाला
सब थे चुप तमाशाई की तरह कोई भी न था घर तक पहुंचाने वाला

घर से निकल कर हम घर ही के अहाते में रहे
कोई मिला ही नहीं अंधेरे में जुगनू जलाने वाला
~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 379 Views

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