क्या हाल है आजकल
कुछ याद तुझे रहता नहीं आजकल
तू कुछ कहता भी नहीं आजकल
क्या हो गया है तुझे, बता मुझे
तेरे चेहरे से हसीं भी गायब है आजकल
है जो भी कश्मकश दिल में तेरे
मुझे बताता क्यों नहीं है आजकल
कहीं दिल की बातों पर भी
जीएसटी तो नहीं लग रहा है आजकल
ऐसे तो ये जीवन चलेगा नहीं
मिलने भी तू आता नहीं आजकल
जानना चाहता हूं इतना तुमसे
क्या मुझे याद भी करता है आजकल
क्या हो गया ऐसा जीवन में तेरे जो
बना दिया है मुझको अजनबी आजकल
किसने छला है तेरी रूह को ऐसे
मुझपर भी नहीं रहा विश्वास आजकल
चल रहा जो कुछ भी मन में तेरे
जाने क्यों तू कहता नहीं किसी से आजकल
नहीं चाहता मुझसे तो मत कह, कह दे उनसे
जिन्हें समझता है अपना तू आजकल
कहने से दिल का बोझ हल्का हो जायेगा
सीखा है मैंने भी ये नुस्खा आजकल
किसी और से तो कह नहीं पाता, दिल की बात
मैं भी करता हूं अपनी तन्हाई से आजकल
मिलो एक बार सब गिले शिकवे
दूर हो जाएंगे मुलाकात से आजकल
है ये बरसात का मौसम हसीन बड़ा
सावन ने भी दस्तक दी है आजकल।