” क्या विरोधी ख़ेमे को धराशायी कर पायेगा ब्रह्मास्त्र ? “
शीर्षक – क्या विरोधी ख़ेमे को धराशायी कर पायेगा
” ब्रह्मास्त्र ” – ? 】
वर्ष 2022 हिंदी सिनेमा उद्योग के लिए शुभ फ़लदायी नहीं रहा है । बालीवुड के दिग्गजों की फ़िल्में बाक्स आफ़िस पर सफ़लता का परचम नहीं लहरा सकी हैं । वर्ष की शुरुआत से ही बायकॉट बालीवुड का शोर सुनने को मिल रहा है और विरोध की इस आँधी ने बड़बोले बालीवुड की नींव हिलाकर रख दी है । विरोध के फ़लस्वरूप आलिया भट्ट की गंगूबाई काठियावाड़ी को मिश्रित सफ़लता ही मिल सकी जबकि संजय लीला भंसाली का भव्य निर्देशन वाकई काबिले तारीफ़ था । ख़िलाड़ी अक्षय कुमार को बायकॉट भूचाल का कुछ ज़्यादा ही सामना करना पड़ा है …एक के बाद एक उनकी बहुप्रतीक्षित फ़िल्में – बच्चन पाँडे , पृथ्वीराज और रक्षाबंधन
लगभग फ़्लाप ही साबित हुई । उत्कृष्ट अदाकार अजय देवगन अभिनीत-निर्देशित रनवे34 फ़िल्म ईद पर बाक्स आफ़िस के ख़ाली मैदान पर भी सफ़लता का सिक्सर नहीं लगा सकी ।
अजय देवगन , अक्षय कुमार और रणबीर कपूर ,बायकॉट की बददुआ के चलते अपने लिए सफ़लता की दुआ माँग रहे हैं परंतु चार वर्षों बाद शमशेरा जैसी मसाला फ़िल्म से कमबैक करने के बावजूद वो फ़िल्म को हिट नहीं करा पाये ।
बायकॉट की आँधी के साथ साथ दर्शक अच्छे कंटेंट की तलाश में भी हैं …और यह जितनी भी फ़िल्में असफ़ल हुई ,उसमें उनकी कमज़ोर पटकथा ने भी विलेन का रोल निभाया है । अब संपूर्ण बालीवुड की निगाहें रणबीर-आलिया की अयान मुखर्जी निर्देशित बहुप्रतीक्षित फ़िल्म ब्रह्मास्त्र पर टिकी हैं जो आगामी 9 सितंबर को वर्ल्डवाइड रिलीज़ होने जा रही है । लगभग आधे दशक से ब्रह्मास्त्र का इंतज़ार न केवल भारतीय दर्शक बल्कि विदेशों में बैठे इनके प्रशंसक भी कर रहे हैं । ब्रह्मास्त्र का बजट 400 करोड़ है जो बालीवुड के हिसाब से भारीभरकम है हालांकि मुम्बई में रहने वाले मेरे एक मित्र (जो एक प्रख़्यात सिनेमा विश्लेषक हैं ) के अनुसार ब्रह्मास्त्र की एडवांस बुकिंग वर्ष 2022 की सबसे बड़ी एडवांस बुकिंग है …लाखों टिकट पहले और दूसरे दिन के लिए बुक हो चुके हैं और अनुमान यह है कि ब्रह्मास्त्र पहले दिन लगभग 20 करोड़ तक का व्यवसाय कर सकती है । बायकॉट की लहर के बावजूद इतनी ज़्यादा उत्सुकता , माहौल और टिकट बुकिंग से यह पता चलता है कि दर्शक भी बेताब हैं फ़िल्म देखने के लिए । ब्रह्मास्त्र का कंसेप्ट नया है विज्ञान और प्राचीन पौराणिक अस्त्रों की कहानी से जुड़ा हुआ है । यदि कार्तिकेय 2 की भांति ब्रह्मास्त्र को भी दर्शकों के पाज़िटिव वर्ड आफ़ माउथ का साथ मिला और समीक्षकों की उचित सराहना तो यह ब्रह्मास्त्र फ़िर से असरदार और अचूक सिद्ध होगा ।
फ़िल्म का लाइफटाइम बिज़नेस ,पहले दिन की समीक्षा पर काफ़ी हद तक टिका है । हालांकि ब्रह्मास्त्र की स्टारकास्ट , फ़िल्मांकन और विज़ुअल शानदार है जैसा कि ट्रेलर में देखा गया है । यह ब्रह्मास्त्र अगर काम कर गया तो दक्षिण भारतीय फ़िल्मों की सफ़लता के बोझ तले दबा बालीवुड फ़िर खड़ा हो सकेगा । आप पहले फ़िल्म देखें ,उसके पश्चात अपना मत रखें …अकारण बायकॉट करना मूर्खता है ।
ब्रह्मास्त्र का भविष्य ,बालीवुड के लिए सफलता या असफलता का मापदंड साबित हो सकता है ।
यदि एक अच्छी कहानी ,बेहतरीन प्रस्तुतिकरण पाती है तो निस्संदेह ब्रह्मास्त्र सफ़लता की कहानी लिख पायेगी ।
© डॉक्टर वासिफ़ काज़ी , ” काज़ीकीक़लम ”
( लेखक , शाइर एवं स्तंभकार है )
28/3/2 , अहिल्या पल्टन , इकबाल कालोनी
इंदौर , मध्यप्रदेश