*क्या बात है आपकी मेरे दोस्तों*
डॉ अरूण कुमार शास्त्री//एक अबोध बालक//अरूण अतृप्त
आप सभी का मेरे जीवन में विशेष महत्व है कृपया अपना ख्याल रखिए । समय परिवर्तन शील है दुख बस जाने वाला ही है , ईश्वर पर विश्वास रखिए सादर प्रणाम स्वीकार कीजिए 🩷🩷 मैं आपको बहुत प्यार करता हूं। अपने भौगोलिक स्थिति सामाजिक आर्थिक एवं स्वास्थ्य व ऊमर को देखते हुए सदा आपके पास नहीं रह सकता हूं। इसका अर्थ ये नहीं कि मैं आपसे प्रेम नहीं करता। आप स्वयं दुनियां दारी को समर्पित व्यक्ति हैं। सब प्रकार का ज्ञान आपके साथ है। अतैव भाव को समझ सकते हैं।
जब भी मुझे मेरी परिस्थितियां अनुमति देंगी मैं आपकी सेवा में उपस्थित हो जाऊंगा।
आप जहां भी हो सदा मुस्कुराते रहो। और हमको अपनी कुशल क्षेम से अवगत कराते हुए ईष्ट का धन्यवाद करते रहो।
सादर समर्पित