क्या बात हुई
***क्या बात हुई***
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ये भी क्या बात हुई,
दिन में ही रात हुई।
आँसू से आँख भरी,
दिन भर बरसात हुई।
ऐसी सौगात मिली,
दिल को आघात हुई।
शिकवा है भार नहीं,
बेशक गर मात हुई।
मनसीरत जाग उठा,
प्यारी शुरुआत हुई।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)