क्या फर्क पडता है
क्या फर्क पडता है.
तुम कहाँ हो.
यात्रा आरंभ करो.
भूल जाओ.
कुछ क्षण.
तुम कहाँ हो.
अतीत कैसा रहा.
तत्क्षण योजना बनाओ.
बढ़ चलो,
उस ओर,
जिधर निसर्ग इशारे करे.
सभी परमात्म सुख मिलेंगे,
खुदी को पहचानना है.
सब फतेह होगा.
एक मनो बल चाहिए, सब मनोरथ पूर्ण.
कदम दर कदम बढ़,करेगी सब परिपूर्ण.