Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Sep 2022 · 1 min read

क्या चाहिए….

ये चाहिए वो भी चाहिए
कभी न सोचा क्या चाहिए
मन के घट को ख़ूब खंगाला
तब पाया मुझे क्या चाहिए

पेड़ों की मौन क़तार नही
फूलों सा खिलखिलाना चाहिए
ठहरा गहरा शांत समुद्र नही
चंचल मनमौजी नदी चाहिए

नभ चूमते पथरीले पर्वत नही
भू फैली दूर्वा नरमाई चाहिए
टूटते सितारों की रात नही
जुगनुओं की बारात चाहिए

मलय पवन का झोंका नही
दिल में उठता तूफ़ान चाहिए
दीप का टिम टिम प्रकाश नही
सूरज सा प्रखर तेज चाहिए

मुट्ठी भर आसमान नही
आकाश भर ख़ुशियाँ चाहिए
जमीं का एक टुकड़ा नही
धरा भर सम्मान चाहिए

रेखांकन।रेखा ड्रोलिया

Language: Hindi
2 Likes · 322 Views

You may also like these posts

मन की इच्छाओं और वासनाओं को नियंत्रित करना उतना ही दुर्लभ है
मन की इच्छाओं और वासनाओं को नियंत्रित करना उतना ही दुर्लभ है
Rj Anand Prajapati
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है
डॉ. दीपक बवेजा
उजालों के साए
उजालों के साए
Kanchan verma
तेरा साथ है कितना प्यारा
तेरा साथ है कितना प्यारा
Mamta Rani
*Childhood Return*
*Childhood Return*
Veneeta Narula
।। नीव ।।
।। नीव ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
ग्रहों की चाल
ग्रहों की चाल
प्रदीप कुमार गुप्ता
भूलना एक प्रक्रिया का नाम है!—मुझे नहीं आती।
भूलना एक प्रक्रिया का नाम है!—मुझे नहीं आती।
पूर्वार्थ
*शिक्षक जी को नमन हमारा (बाल कविता)*
*शिक्षक जी को नमन हमारा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
बेहतरीन थे हम
बेहतरीन थे हम
शिव प्रताप लोधी
जीवन की
जीवन की
Dr fauzia Naseem shad
जिसके भीतर जो होगा
जिसके भीतर जो होगा
ruby kumari
एक बात हमेशा याद रखिए जब किसी की ग़लती करने पर गुस्सा आये तो
एक बात हमेशा याद रखिए जब किसी की ग़लती करने पर गुस्सा आये तो
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
स्मृति
स्मृति
Rambali Mishra
"हम स्वाधीन भारत के बेटे हैं"
राकेश चौरसिया
सयाना
सयाना
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेरे सब्र का इंतिहा कब तलक होगा
मेरे सब्र का इंतिहा कब तलक होगा
Phool gufran
" लिहाफ़ "
Dr. Kishan tandon kranti
संस्कारों और वीरों की धरा...!!!!
संस्कारों और वीरों की धरा...!!!!
Jyoti Khari
बांधाए आती हैं आने दो हर बाधा से लड़ जाऊँगा । जब तक लक्ष्य न
बांधाए आती हैं आने दो हर बाधा से लड़ जाऊँगा । जब तक लक्ष्य न
Ritesh Deo
होता है ईमान हर इंसान में
होता है ईमान हर इंसान में
gurudeenverma198
शे
शे
*प्रणय*
लोगों को खुद की कमी दिखाई नहीं देती
लोगों को खुद की कमी दिखाई नहीं देती
Ajit Kumar "Karn"
दीवारें....., सिर्फ घरों में नहीं होती
दीवारें....., सिर्फ घरों में नहीं होती
Priya Maithil
स्वयं को सुधारें
स्वयं को सुधारें
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
नई उम्मीदों की नई रोशनी
नई उम्मीदों की नई रोशनी
Chitra Bisht
आदरणीय मंच,
आदरणीय मंच,
Mandar Gangal
तुम बिन
तुम बिन
Sudhir srivastava
23/192. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/192. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...