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12 Jul 2024 · 1 min read

क्या खूब वो दिन और रातें थी,

क्या खूब वो दिन और रातें थी,
हरदम बस प्यार की बातें थी।

नींद आती थी खूब हमको भी क्योंकि,
सपनों में तुमसे मुलकातें थी।

छत पर लेटकर आसमान को ताकना,
सजी हुई तारों की बारातें थी।

मोहब्बत से भरे हुए थे लहज़े उनके,
और प्यार की ही सौगातें थी।

लगी हुई लड़ियां फूलों की हर तरफ,
प्रेम की रिमझिम बरसातें थी

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