क्या कोई नई दुनिया बसा रहे हो?
तुम मुझे दिल से भुला तो रहे हो
क्या कोई नई दुनिया बसा रहे हो?
कोई आने लगा है क्या ख्वाबों में
जो मुझे नींदों से आकर नहीं जगा रहे हो?
अगर शिकवा गिला है हमसे तो कह दो ना
क्यों हमसे इतनी दूरी बढ़ा रहे हो?
पास बैठो पल दो पल हमारे
क्यों इतना हमसे कतरा रहे हो?