क्या इंसान को इंसान की जरूरत नहीं रही?
माना कि अब लोगो के दिलों में
मोहब्बत नहीं रही,
पर क्या अब इंसान को इंसान की जरूरत नहीं रही।
कश्मीर की वादियां देखने जाते हैं लोग अब भी,
ये बात अलग है कि अब वहां जन्नत नहीं रही।
मतलब परस्त है लोग हर तरफ,
लोगों के दिलों में वो पहले सी इंसानियत नहीं रही।
खून हुआ सफेद सभी का,
अब लहू में किसी के रंगत नहीं रही।
जीने को तो जिए जा रहे हैं सब,
पर जिंदगी अब तो खूबसूरत नही रही।