क्या अखंड भारत संभव है ?
आपने और हमने अक्सर हिंदू संगठनों द्वारा अखंड भारत की बात सुनी है। आज हम अखंड भारत पर विस्तार से बात कर इसे समझने की कोशिश करेंगे। अखंड भारत यानी अफगानिस्तान, पाकिस्तान, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान तक सिर्फ एक देश और एक सरकार का होना है। अखंड भारत को हिंदू धर्म के लोग हिंदू राजाओं के शासन काल का स्वर्णिम युग कहते हैं। जब हम अखंड भारत की बात सुनते हैं और इतिहास के पन्ने पलटते हैं तो हिंदू संगठनों द्वारा कही गई अखंड भारत की बात इतिहास के पन्नों के आधार पर एकदम अलग नजर आती है।
आप सोच रहे होंगे कि अखंड भारत पर सिर्फ एक हिंदू राजा ने राज किया होगा; मगर ऐसा नहीं है। अखंड भारत कभी था ही नहीं। हां कह सकते हैं कि अशोक ने अपने शासनकाल में बतौर राजा भारत के सबसे अधिक भूभाग पर शासन किया। इसके बाद से जितने भी राजा हुए चाहे महाराणा प्रताप सिंह हो या फिर छत्रपति शिवाजी, मगर कोई भी हिंदू राजा अशोक से अधिक भू-भाग पर शासन नहीं कर सका। भारत का इतिहास बताता है कि हिंदू राजा कभी भी आपस में मिल कर नहीं रहे। इन राजाओं का आपस में मिलकर नहीं रहने के कारण ही भारत में मुगलों सहित अंग्रेजों का शासन हुआ और भारत ने सदियों तक गुलामी की बेड़ियां पहनी।
अगर एक देश के रूप में देखा जाए तो भारत कभी भी एक देश नहीं था बल्कि अलग-अलग खंडों में बांटा अलग-अलग राजाओं का राज्य रहा है। ऐसे में जो लोग अखंड भारत की बात करते हैं या तो शायद उन्होंने भारत का इतिहास नहीं पढ़ा है या फिर वह मानसिक तौर पर बहुत ही कमजोर है। चलिए अब वर्तमान की बात करते हैं क्या वर्तमान में अखंड भारत की कल्पना करना सही है या फिर गलत ?
आज पाकिस्तान हो या फिर अफगानिस्तान या बांग्लादेश या म्यांमार सभी देश अलग अलग राष्ट्र के तौर पर समस्त विश्व में अपनी पहचान बनाए बैठे हैं। ऐसे में मुझे तो समझ नहीं आता कि आप इन देशों को कैसे मनाएंगे और कैसे इन्हें अखंड भारत की कल्पना बताएंगे। आप स्वयं सोच कर देखिए क्या अखंड भारत की कल्पना करना वर्तमान में सही है ? मुझे लगता है कि वर्तमान में अखंड भारत की कल्पना करना मूर्खता भरा सपना है। क्या भारत अखंड भारत के लिए पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार जैसे देशों पर आक्रमण करेगा ? क्या हिंदू संगठनों की कल्पना अखंड भारत को यह सभी देश स्वीकार कर पाएंगे ?
हम मान लेते हैं कि हिंदू संगठनों की कल्पना अखंड भारत को सभी देशों ने स्वीकार कर लिया, मगर उसके बाद अखंड भारत की जनसंख्या में हिंदू, मुस्लिम लगभग बराबरी पर आ जाएंगे। क्या उसके बाद हिंदू धर्म खतरे में नहीं रहेगा ? क्योंकि वर्तमान में हिंदू संगठनों द्वारा भारत के हिंदुओं में भारत में निवास कर रहे 30 करोड़ मुसलमानों का डर बैठाया जा रहा है। अभी भारत में लगभग 100 करोड़ हिंदुओं की जनसंख्या है। अगर अखंड भारत बनता है तो फिर हिंदू और मुस्लिम जनसंख्या में ज्यादा अंतर नहीं होगा। अखंड भारत बनने के बाद फिर हिंदू संगठन मुसलमानों को कौन से देश में भेजेंगे ?
अगर अखंड भारत बन जाता है तो फिर उसे हिंदू राष्ट्र कैसे घोषित किया जाएगा ? अखंड भारत में मुसलमानों की जनसंख्या इतनी अधिक होगी की वह हिंदू राष्ट्र के खिलाफ आवाज उठाएगी। क्या हिंदू संगठनों को अखंड भारत के साथ-साथ हिंदू राष्ट्र भी चाहिए ? जब वर्तमान में 30 करोड़ मुसलमानों का 100 करोड़ हिंदू के ऊपर डर बैठाया जाए रहा है तो फिर अखंड भारत बनने के बाद तो यह डर और अधिक बढ़ जाएगा।
अखंड भारत की परिकल्पना को लेकर हिंदू संगठनों को पुनः विचार करने की आवश्यकता है। नहीं तो यह परिकल्पना सिर्फ परिकल्पना तक ही सीमित रह जाएगी। आज के दौर में भारत के हिंदू संगठनों को अन्य देशों को इतने हल्के में नहीं लेना चाहिए जितने हल्के में भारत के हिंदू संगठन भारत के दलितों और मुसलमानों को लेते है।
-दीपक कोहली