कौन है..!
शीर्षक :- कौन है..!
जब चूल्हे में खाना बनता था तब लोग रात को खाना बना कर चूल्हे की अंगीठी को यूँ ही जलता छोड़कर सो जाते थे।
ये एक कृदन्त कहानी है पर सच से जरा भी कम नहीं ऐसा माना जा सकता है…
और सच बात है आज भी जब सब सोते हैं तो कही न कही की एक लाईट जलता हुआ जरूर छोड़ते है।
बस फर्क ये पड़ा है आज आग की जगह
बिजली ने ले लिया है वो भी तो आग ही है..!
कहते है कि कुछ बुरी शक्ति आग के कारण घर में प्रवेश नहीं कर सकती है।
और चोर भी चोरी करने के लिए 10 बार सोचता है।
इस कहानी की यात्रा को आगे बढ़ाते हैं।
युक्ति के परिवार में काफी लोग थे ,इस परिवार में एक रोज कुछ यूँ हुआ की सब के मन में डर पसर गया सब के मन में डर ने घर कर लिया था।
रात को करीब 2:30 बजे के आस-पास किसी के दरवाजा ठोकने की आवाज आई ..
पर कोई बाहर जाने का हिम्मत नहीं कर रहा था..
सब की नींद खुल गई थी ,सिर्फ बच्चो को छोड़कर और उनके परिवार में ऐसा कोई भी नहीं था जो उस वक्त घर से बाहर हो जो इस वक्त उनके दरवाजे में आया हो …
सभी घर वाले घर के अंदर थे …
कुछ समय यूँ ही चला और फिर क्या थोड़ी देर में आवाज आना बंद हो गया…
सब हक्के बक्के हो गए थे सब के पसीने और छक्के छूट गए थे…
सब को यही टेंसन हो रही थी की वो कौन है…!
आख़िर वो कौन है…!
अब आवाज तो बंद हो गई थी तो सब फिर सोने को चले गए जाते जाते कहाँ की इस विषय पर सुबह बात करेंगे अभी सो जाओ रात बहुत हो गई है ।
जब सुबह हुई तो सब बातें करने लगे..
आपस में एक दूसरे से पूछ रहे थे वो कौन है..!
वो आखिर कौन था..!
फिर अगली रात को ऐसा फिर हुआ ..
पर सब सो रहे थे बस युक्ति जाग रही थी
या यूँ कहूं तो वो मानो उस आवाज के कारण उसकी नींद खुल गई थी।
फिर दरवाजे पर ठक ठक की आवाज आई
पर इस बार अंगीठी जल रही थी चूल्हे की तो
उसने आवाज लगाई कौन है..
कौन है… बोलो कौन है…
ये सुन कर तो युक्ति ही सुन सी पड़ गई..
आख़िर कार इतनी रात को कौन है..! और वो
आवाज आ रही वो तो घर अंदर से आ रही है..!
तो घर के बाहर कौन है..! जो दरवाजे को टक टक
की आवाज कर रहा।
ये सब युक्ति सुन रही थी थोड़ी डर भी रही थी पर हिम्मत कर के वो अपने चूल्हे की तरफ गई ।
क्यू की आवाज वही से आ रही थी । उसने सब को उठाने का सोचा फिर सोची चलो मै खुद ही देख लेती हूँ । और सच मानो ऐसा कुछ जब घर पर घटता है तो आधा डर आधा बल के साथ हम उस और कदम बढ़ाते है.. अब युक्ति चूल्हे के पास पहुँच गई थी तो देखा……….की___उसके चूल्हे में जल रही अंगीठी ही वो आवाज कर रही थी……..
कौन है..!
कौन है..!
ये आवाज सुनकर वो बाहर जो कोई भी था वो अब कोई जवाब नहीं दे रहा था न ही दरवाजे को पीट रहा था न कोई ठक ठक की आवाज आ रही थी।
युक्ति समझ गई की ये आग देवता है जो हमारे
घर की रक्षा कर रहे है रात को पहरा लगा रहे है।
युक्ति के जान में जान आई और जब सुबह हुई तो ये बात सब को बताई जितने उनके घर में बड़े थे उन सब को।
अब खाना बना कर रोज रात को अंगीठी जलता छोड़ देते थे। और आराम से चैन की बंसी बजा कर सोते थे…
इस तरह उनके घर में कभी भी कुछ भी बुरा
नहीं हुआ।
है तो यह एक कृदन्त कहानी पर सच है आग जो है वो रात को जगता है आप के घर को बुरी शक्ति से बचाता है।
बड़े बुजुर्ग जो कहानी कहते है वो कुछ तो सच और कुछ कृदन्त होते है पर सब में एक मैसेज जरूर होता है।
और आज अंगीठी के जगह लाईट ने ले लिया है। आप देखो सब के घर में एक लाईट भगवान कमरे में जलेगी या तो घर के बाहर की एक लाईट जरूर जलती है।
ऐसे कोई भी दरवाजे में ठक की आवाज आये तो आप कभी सीधे दरवाजा न खोले पूछे कौन है…
कौन है…
◾️समाप्त◾️✍️
स्वरचित-प्रेमयाद कुमार नवीन
छत्तीसगढ़ जिला-महासमुन्द
14/अगस्त/2021 शनिवार