कौन पड़े अब झंझट में?
जीरा चोर हैं जेल में!
हीरा चोर हैं संसद में!!
भेड़िया छिपा बैठा है
भेड़ों के जमघट में!!
ख़तरे की घंटी बजाकर
कौन पड़े अब झंझट में!!
नफ़रत का जहर रात-दिन
घोला जा रहा पनघट में!!
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