कौन कहाँ कब
कौन कहाँ कब
अधिग्रहित करेगा
अपने हिस्से का आँचल
किसका होगा गर्भ
कौन बनेगा दर्प
कहते हैं
तय में पुर्वजन्म का कर्तव्य
आत्माओं का साम्राज्य सभ्यता का गढ़
आर्यभट्ट का जीरो या ब्राह्मण्ड का ग्रह-नक्षत्र
सब सत्य
पर कहते हैं कृष्ण कर्म बदल सकता है भाग्य
“भाग्य”
©️ दामिनी नारायण सिंह