कौन कहता है कि “घुटनों में अक़्ल नहीं होती।” कौन कहता है कि “घुटनों में अक़्ल नहीं होती।” होती है, तभी तो पेट की तरफ मुड़ते हैं।। 😊प्रणय प्रभात😊