!! कौतूहल और सन्नाटा !!
!! कौतूहल और सन्नाटा !!
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जीवन की दो महत्वपूर्ण कड़ी कौतूहल और सन्नाटा। यह जीवन के प्रत्येक घड़ी में आपको मिलती रहती है। यह दोनों घड़ी ऐसी है जिस घड़ी में इंसान हमेशा परेशान, उदास और निराश दिखाई देता है। चाहे वह कौतूहल वाली बात हो जहां पर भीड़भाड़ का दृश्य देख करके इंसान परेशान, उदास और निराश हो जाता है। वहीं दूसरी तरफ जब उनको सन्नाटा जैसी दृश्य देखना पड़ता है वहां पर भी इंसान परेशान, उदास और निराश हो जाता है। इन दोनों परिस्थितियों के अंतर को जो इंसान प्रबंधन करना सीख जाता है वही इस जीवन में सफलता प्राप्त करता है क्योंकि यह दोनों जो कड़ी है वह जीवन के दो पहलू हैं जो कभी जीवन से दूर नहीं होने वाली है।
@जय लगन कुमार हैप्पी
बेतिया, बिहार।